इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक

आत्महत्या को विवश हैं हमारे अन्नदाता


पांच साल के इंतजार के बाद फिर से आम चुनाव का मौसम आने वाला है. देश की सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. हर बार की तरह इस बार भी इन पार्टियों के लिए देश का किसान सबसे बड़ा मुद्दा है क्योंकि देश का यही किसान राजनीतिक पार्टियों की दिशा और दशा तय करता है. किसकी सरकार बनेगी और कौन सत्ता से बाहर होगा इसका भी निर्धारण हमारे देश का किसान ही करता है. किसानों के चुनावी महत्व को देखते हुए ये सभी पार्टियां अपने घोषणा पत्र में तरह-तरह घोषणाएं और वादे करती हैं. उनसे जुड़े मुद्दों को राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे बनाने में कोई कसर नहीं छोड़तीं. इसमें किसान आत्महत्या का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है.

जब देश के किसान इन राजनीतिक पार्टियों के लिए इतने अहम होते हैं फिर भी ऐसा क्यों होता है कि यही किसान सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति में होते हैं. सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी कृषि और किसानों की हालत ज्यों की त्यों क्यों बनी रहती है. जानकार मानते हैं इसके पीछे की बड़ी वजह तमाम तरह की गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार है. सरकार द्वारा दिए जाने वाले राहत पैकेज का जो लाभ देश के गरीब किसानों को मिलना.... Read This Blog (Click Here)

History of Cricket: क्रिकेट का इतिहास


आज जिस खेल को दुनियाभर में फुटबॉल के बाद लोकप्रियता मिली है, वह है क्रिकेट. यूरोप और अफ्रीका से ज्यादा दक्षिण एशिया में बसे लोगों के लिए क्रिकेट एक बीमारी है जो यदि खिलाड़ी को लगे तो वह महान बन जाता है और दर्शकों को लगे तो इसके आगे सारे खेल फीके पड़ जाते हैं. यह खेल ऐसा है कि इसे हर वर्ग और उम्र के लोग सहजता और सरलता से समझकर अपना लेते हैं.

क्रिकेट का शब्द कहां से आया ?
1598 में सबसे आरंभिक काल के ज्ञात संदर्भ में क्रिकेट को क्रेक्केट (Creckett) कहा जाता था. ऐसा माना जाता है यह नाम मध्य डच के क्रिक (-ए ), यानि छड़ी से व्युत्पन्न है या फिर पुरानी अंग्रेजी के क्रिक या क्राइके अर्थात बैसाखी या लाठी से लिया गया है. इसके अलावा सामुएल जॉनसन के अंग्रेज़ी भाषा के शब्दकोश (1755) में उन्होंने क्रिकेट की व्युत्पत्ति क्राइके , सक्सोन, एक छड़ीसे बताया है. इतिहास में क्रिकेट को एक और संभावित स्रोत मध्य डच शब्द क्रिकस्टोल से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ एक लंबा हल्का स्टूल Read This Blog (Click Here)

राजनाथ सिंह – कैसे बने भाजपा के खेवनहार


अपने आप को लोकतांत्रिक पार्टी होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी को राजनाथ सिंह के रूप में एक नया अध्यक्ष मिल चुका है. इससे पहले नितिन गडकरी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते दोबारा अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. राजनाथ सिंह को ऐसे समय में पार्टी का अध्यक्ष बनाया है जब 2014 के चुनाव के लिए लगभग देश की सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं. एक अध्यक्ष के रूप में राजनाथ सिंह का यह दूसरा कार्यकाल है.

राजनाथ सिंह का जीवन
एक आम कार्यकर्ता से भाजपा के शीर्ष केंद्रीय नेतृत्व में शामिल होने वाले राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के एक किसान परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था. राजनाथ ने गोरखपुर विश्‍वविद्यालय से भौतिकी विषय में पोस्‍ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. उसके बाद 1971 में केबी डिग्री कॉलेज में वह प्रोफेसर नियुक्‍त किए गए. 13 साल की उम्र से ही राजनाथ सिंह का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ाव हो गया था.

राजनाथ सिंह का राजनीतिक कॅरियर
इमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में बंद रहने वाले राजनाथ सिंह को 1975 में जन संघ ने मिर्जापुर जिले का अध्यक्ष बनाया. वह मिर्जापुर से ही पहली बार 1977 में विधायक बने. उस समय उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की यूथ विंग की कमान राजनाथ के हाथों में ही थी. 1986 में राजनाथ सिंह को यूथ....... Read This blog (Click Here)

यह बाप-बेटे में तनातनी की शुरुआत तो नहीं !!


भारतीय समाज की प्रवृति कुछ इस तरह की है जहां पिता अपने पुत्र को अपने जैसे मलाईदार पद पर देखना चाहता है. भारतीय राजनीति भी इससे अछूती नहीं है. भारत में राजनीति में परिवारवाद एक आम बात है. पिता के बाद पुत्र सत्ता की बागडोर संभाले इसका अपना ही इतिहास रहा है. राजनीति में परिवारवाद की परंपरा शुरू करने वाले कांग्रेस में आज इसलिए उत्साह और खुशी है क्योंकि नेहरू-गांधी परिवार के युवराज राहुल गांधी को परंपरा के मुताबिक वह जगह मिली है जिसके वह हकदार हैं. लेकिन कहीं न कहीं मन में यह संदेह भी उठता है कि क्या राहुल गांधी को पार्टी की बागडोर सौंपना पार्टी के हित में होगा?


आजकल इसी तरह की सोच उत्तर प्रदेश के क्षत्रप मुलायम सिंह यादव अपने मन में पाले हुए हैं. तभी तो जो काम उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टी बसपा और बीजेपी को करना चाहिए खुद मुलायम सिंह कर रहे हैं. वह उत्तर प्रदेश में जगह-जगह जाकर अपने पुत्र अखिलेश यादव की सरकार को सार्वजनिक रूप से नसीहत तो दे ही रहे हैं साथ ही कई तरह के सवाल भी उठा रहे हैं. उन्होंने पार्टी के कई बड़े नेताओं को जमकर लताड़ा. उन्होंने नौकरशाही के बेकाबू…… Read This Blog (Click Here)

नाकाम नेता के नेतृत्व में 2014


आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश के सभी छोटे-बड़े राजनीति दलों ने कमर कस ली है. पार्टियों के बीच इस बात का चिंतन हो रहा है कि कैसे इस बार के आम चुनाव में अधिक से अधिक सीट हासिल की जाए. राजनीतिक दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है जनता के खोये हुए विश्वास को वापस लाना. इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाकर इस बात का संकेत दे दिया है कि पार्टी बूढ़े कंधों के नेतृत्व में 2014 का चुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी की योजना है कि अधिक से अधिक युवाओं के उर्जा और उत्साह का इस्तेमाल किया जाए.

वैसे राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाना हैरानी की बात नहीं है. क्योंकि जयपुर के चिंतन शिविर से पहले इस बात के संकेत मिल गए थे कि वह कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनने वाले हैं. यह एक तरह का लोगों को बेवकूफ बनाने जैसा है. आज जो लोग यह कहते हैं कि राहुल गांधी पार्टी में दूसरे नंबर पर हैं वह केवल अपने आप को संतुष्ट करने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं. सबको पता है कि राहुल गांधी जब से कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हुए तब से उन्हें पार्टी में दूसरा दर्जा मिल गया था. पार्टी के सभी कार्यकर्ता और नेता उन्हें 2014 के प्रधानमंत्री...Read More (Click Here)

बारह साल ‘आठ मुख्यमंत्री’ और ‘तीन राष्ट्रपति’ शासन


सन 2000 में बिहार से अलग हुआ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर झारखंड राज्य आज भी राजनीति दंश झेल रहा है. एक तरफ जहां झारखंड के रांची में धोनी के धुरंधर तीसरे एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड से भिड़ने के लिए बेताब हैं वहीं दूसरी तरफ करीब 10 दिनों तक राजनीतिक संकट से गुजरने के बाद आखिरकार एक बार फिर झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. इससे पहले राज्य में साल 2009 और 2010 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. झारखंड देश का पहला राज्य है जहां की आवाम पिछले बारह सालों में आठ मुख्यमंत्री देख चुकी है. यहां अब तक किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल (पांच साल) पूरा नहीं किया है. अर्जुन मुंडा पांच साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे, लेकिन तीन कार्यकाल में.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि कोलकाता के दौरे पर गए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर आदेश दे दिया. इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी राष्ट्रपति शासन की मंजूरी दी थी. मंत्रिमंडल ने झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद की उस रिपोर्ट पर चर्चा की थी जिसमें उन्होंने 81 सदस्यीय विधानसभा....... Read This Blog (Click Here)

मोदी पर भाजपा में ‘मंथन’


भारत में 2014 के आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी स्तर पर मंथन चल रहा है. देश की सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां अपनी धार मजबूत करने के जद्दोजहद में लग गई हैं. एक तरफ जहां जयपुर के चिंतन शिविर में कांग्रेस अपनी आगामी रणनीतियों को लेकर गहन विचार-विमर्श कर रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी इस बार केंद्र की सत्ता में आने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती. पार्टी ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह संकेत दिया है कि फरवरी में नरेंद्र मोदी को चुनाव की कमान सौंपी जाए.


वैसे नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली तभी यह संकेत मिल गया था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह बड़ी भूमिका निभाएंगे. गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 में जिस तरह से नरेंद्र मोदी विरोधियों को पटकनी देकर एक बार फिर सत्ता पर काबिज हुए उससे पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर और चर्चाएं होने लगीं. मोदी के प्रभावशाली व्यक्तित्व को देखते हुए पार्टी के कई बड़े नेता यह चाहते हैं कि मोदी को....... Read This Articale (Click Here)

बिल्डरों से सावधान रहकर खरीदें प्रॉपर्टी


किसी भी तरह की प्रॉपर्टी खरीदने से पहले मन में यह सवाल उठने लगते हैं कि यह प्रॉपर्टी वैध है या अवैध. वैसे तो क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि अधिसूचित क्षेत्र में भू-संपत्तियों के संबंध में किये जा रहे अवैध, अनधिकृत व आपराधिक दुराशयपूर्ण कारोबार में संलिप्त दोषी भू-माफिया तत्वों पर कठोर एवं दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी. लेकिन फिर भी घर का सपना देखने वालों को प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उसकी छानबीन जरूर कर लेनी चाहिए जैसे:

1. ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां पर बिल्डरों की जमीन पर बैंक का लाखों रुपये का कर्ज बकाया रहता है. इसके बावजूद भी बिल्डर पहले तो उस जमीन पर फ्लैट का निर्माण करते हैं उसके बाद लोगों को नए आशियाने का सपना दिखाकर पैसे ऐंठते हैं.

2. विकास प्राधिकरण के समक्ष कुछ ऐसे मामले आए हैं जिसमें कई बिल्डरों ने बिना किसी जमीन के अपना प्रोजेक्ट शुरू कर दिया. इसके अलावा जिन…….. Read More (http://bit.ly/XgnewH)

आप घर खरीद रहे हैं तो ध्यान दीजिए


जब कोई इंसान नया-नया घर लेने की सोचता हैं तो उसके जहन में ऐसे बहुत सारे सवाल पनपते हैं जिनका वह हल खोजने के लिए हर किसी से सलाह लेता है. उसका पहला सवाल यही होता है कि जिस जगह वह अपना घर ले रहा है क्या वह जगह कानूनी रूप से वैध है या फिर उसमें कई तरह की अड़चनें हैं. अपने इसी तरह के सवालों का जवाब आज आप खोज सकते हैं.


क्या है आपका बजट: आज के समय में घर लेना हर किसी के लिए आसान नहीं होता. घर के लिए सबसे जरूरी चीज है आपका बजट. यह बजट ही है जो यह निर्धारित करता है कि आप एक सीमित रकम में कैसा घर लेते हैं. बाजार में घर खरीदने के लिए तमाम तरह के लोन दिए जा रहे हैं लेकिन आपकी सूझ-बूझ पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का लोन लेना चाहते हैं. लोन लेने के बाद भी आपको आगे होने वाले बाकी खर्चों पर.... Read This Article (Click Here

पाकिस्तान में राजनैतिक संकट

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युद्ध विराम का उल्लंघन करते हुए भारत के सब्र का इम्तिहान लेने वाले पाकिस्तान एक बार फिर राजनैतिक संकट में घिर गया है. खबर है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. पाक पीएम परवेज अशरफ पर रेंटल पावर प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये के घोटाले के आरोप हैं. इन घोटालों में पाकिस्तान के कई मंत्री और अधिकारी भी शामिल हैं. कोर्ट ने उन्हे भी गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं.

गौरतलब है कि पाक पीएम अशरफ पर रेंटल पावर प्रॉजेक्टों में धांधली के साथ-साथ देश में चल रही उर्जा संकट को सुलझाने में नाकाम रहने का आरोप भी है. पानी और बिजली मंत्री रहने के दौरान हुए घोटालों के चलते उनके खिलाफ नैशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो की जांच चल रही है. पिछले साल फरवरी में उन्हें इसी वजह से इस्तीफा देना पड़ा था.

पाकिस्तानी सरकार में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले कई दिनों से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने राजधानी इस्लामाबाद स्थित संसद भवन तक मार्च किया. विरोध-प्रदर्शन के मद्देनज़र पूरे इस्लामाबाद.... Read This Blog (Click Here

महाकुंभ 2013: आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा


विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ  इलाहाबाद के प्रयागराज में आयोजित हो चुकी है. 55 दिनों तक चलने वाले आस्था के इस मेले में करोड़ो लोग पवित्र स्थल संगम में स्नान करेंगे. परंपरा के मुताबिक शाही स्नान में सबसे पहले सुबह साढ़े पांच बजे महानिरंजनी और महानिर्वाणी अखाड़े के संतों ने डुबकी लगाई. अखाड़ों के स्नान का क्रम आज शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा. इस दौरान 13 अखाड़ों के करीब 3 लाख साधु स्नान करेंगे.

नागा साधु आकर्षण के केंद्र

संगम तट पर साधुओं का बड़ी संख्या में आना जारी है. कुंभ मेले में नागा साधु लोगों के आकर्षण के खास केंद्र होते हैं. नागा लोग विभिन्न पर्वों पर शाही स्नान के लिए निकलते हैं. गाजे बाजे के साथ साधु संतों की इस जुलूस को देखकर ऐसा लगता है जैसे हम आस्था की एक अलग ही दुनियां में आ गए हैं. महाकुंभ में तमाम विदेशी साधु संत भी आते हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं.

सुरक्षा चाक-चौबंद

सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी तरह की कोई भी अनहोनी न होने पाए. मेले में करीब तीस हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं जिनमें अर्धसैनिक बलों और पीएसी की 72 कंपनियां तैनात की गई हैं. इसके अलावा आपदा नियंत्रण बल की दो कंपनियां और तीस पुलिस स्टेशन भी बनाए गए हैं. संगम तट पर बड़ी संख्या में सादी वर्दी में महिला पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. 120 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे मेला क्षेत्र की.... Read This Blog (Click Here)

मिला पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा


भारतीय सेना के दो जवानों की बर्बरता से हत्या करने के बाद जो तनाव की स्थिति भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में पनपी उसका असर अब खेल पर भी देखने को मिला है. हर तरफ उन पाकिस्तानी खिलाड़ियों का विरोध होने लगा जो 14 तारीख से शुरू होने वाले हॉकी इंडिया लीग में भाग लेने आ रहे हैं. इस विरोध से टीम के मालिकों पर खतरा मंडराने लगा जिन्होंने मोटी रकम देकर पाकिस्तान के खिलाड़ियों को खरीदा था.

लेकिन खबर है कि वहां के नौ खिलाड़ियों को भारत का वीजा मिल गया है. पाकिस्तानी खिलाड़ी शनिवार को यहां पहुंचकर अपनी-अपनी टीमों से जुड़ेंगे. भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी हमेशा से ही मैच में उत्सुकता और रोमांच पैदा करने के लिए जाने जाते हैं. अब वह चाहे क्रिकेट हो या फिर हॉकी दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों का संघर्ष देखते ही बनता है. यहां यह देखने वाली बात होगी कि कैसे पाकिस्तानी खिलाड़ी इस तनावपूर्ण माहौल में खेलते है.

आईपीएल की तर्ज पर इस तरह की हॉकी लीग भारत में पहली बार आयोजित की जा रही है. इसमें देशी और विदेशी खिलाड़ियों का मिश्रण होगा जिसमें पाकिस्तान के खिलाड़ी भी होंगे. देखा जाए तो अब तक पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने भारत के Read More (Click Here)

धोनी को हटाने की बात कोई सोच भी नहीं सकता


लगता है भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पूर्व के महान क्रिकेट खिलाड़ियों को अपना विरोधी बना लिया है. तभी तो हर कोई धोनी की कप्तानी पर सवाल उठा रहा है. इसमें वह भी खिलाड़ी हैं जिन्होंने धोनी को बेहतरीन खिलाड़ी बता कर भारतीय टीम में आने का मौका दिया. द वालके नाम से मशहूर भारत के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने क्रिकइंफो के लिए लिखे एक कॉलम में टीम को लेकर धोनी की रणनीतियों की आलोचना की है.


भरोसेमंद खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने हाल ही में खेली गई पाकिस्तान के साथ एकदिवसीय सीरीज में धोनी की जुझारू पारियों के लिए तारीफ तो की लेकिन उन्हें यह भी सलाह देना नहीं भूले कि धोनी को अपने रवैया में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है. उन्होंने कहा कि कप्तान के नजरिए में बदलाव टीम को एक बार फिर बुलंदियों पर पहुंचा सकता है. Read This Blog (Click Here)

न्यूज चैनलों को नए दिशा-निर्देश


समाचार चैनल जी न्यूज द्वारा अपने एक कार्यक्रम में दिल्ली गैंग रेप की पीड़िता के दोस्त की पहचान जाहिर करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता में (न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी) एनबीएसए ने सोमवार को यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्टिंग के संबंध में एक दिशा-निर्देश जारी की. न्यायमूर्ति वर्मा सरकार द्वारा नियुक्त उस समिति की भी अध्यक्षता कर रहे हैं जो अब महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने वाले कानून पर विचार कर रही है. यह दिशा-निर्देश उसके बाद सामने आया है जब जी न्यूज के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर कराई.


1. एनबीएसए ने यौन उत्पीडऩ के मामलों की रिपोर्टिंग से जुड़े दिशानिर्देश पर चैनलों को पीड़ित और परिवार की निजता के अधिकार तथा जन हित के बीच संतुलन बनाने को कहा है.
2. एनबीएसए के मुताबिक यौन उत्पीड़न, हिंसा और मानसिक आघात के शिकार लोगों या ऐसे मामलों के गवाहों पर तैयार किसी भी न्यूज रिपोर्ट (आगे पढ़ने ले लिए क्लिक करें)


रोहित शर्मा को बार-बार मौके क्यों?



पाकिस्तान क्रिकेट टीम से सीरीज हारने के बाद अब भारतीय क्रिकेट टीम के सामने इंग्लैंड के साथ खेली जाने वाली एकदिवसीय सीरीज है. भारतीय टीम का

ऐलान किया जा चुका है. इस टीम में वीरेंद्र सहवाग को छोड़कर बाकी वही खिलाड़ी होंगे जो पाकिस्तानी टीम के साथ एकदिवसीय मैच खेल रहे थे. सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की जगह टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचने वाले चेतेश्वर पुजारा को टीम में जगह मिली है.

केवल सहवाग बाहर, समझ में नहीं आया !
जिस तरह से पिछले कुछ महीनों से भारत का प्रदर्शन टेस्ट के अलावा एकदिवसीय मैचों में दिख रहा था उसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि टीम में पूरा बदलाव होगा. माना जा रहा था कि कप्तान धोनी सहित सलामी बल्लेबाजों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. लेकिन टीम में सहवाग पर ही गाज गिरी. बाकी खिलाड़ी टीम में बने रहे. भारतीय टीम के बुरे प्रदर्शन का ठीकरा केवल सहवाग पर ही फोड़ा गया.

रोहित शर्मा को बार-बार मौके क्यों?
भारत का यह इकलौता खिलाड़ी है जो अपनी बल्लेबाजी के लिए कम और इस बात के लिए अधिक पहचाना जाता है कि यह टीम में क्यों है? जितने मौके इस खिलाड़ी को दिए जा रहे हैं उतने मौके यदि क्रिकेट न खेलने वाले खिलाड़ी को भी दे दिए जाएं तो वह भी टीम का स्टार बन जाए. इस खिलाड़ी ने जितना अपनी टीम को निराश किया है उससे Read This Blog (Click Here)

ज्ञान के मंदिर में हवस का पुजारी


जहां पूरा देश इस समय महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर कड़े कानून की मांग कर रहा है और जहां मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में है वहां समाज में दरिंदे और बलात्कारी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं. वह अपनी कामवासना को शांत करने के लिए अभी भी कमजोर और लाचार महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं. वह अपनी हवस के आगे यह भी नहीं देखते कि जिसका वह शिकार कर रहे हैं वह कितने साल की है.


भाजपा की सरकार वाले छत्तीसगढ़ के बस्तर के कांकेर में आदिवासी बच्चियों के लिए बने आश्रम में 11 बच्चियों से बलात्कार का मामला सामने आया है. स्कूल के टीचर और चौकीदार पर बच्चियों का यौन शोषण करने का आरोप है. आश्रम में जिन बच्चियों से रेप की बात सामने आई है उनकी उम्र महज 8 से 11 साल के बीच है. पुलिस ने Read This Blog (Click Here)

कथित सभ्य समाज की कायराना करतूत


बलात्कार किसी भी लड़की के लिए उसके जीवन को खत्म करने जैसा है. यह ऐसी घटना है जिसके बाद पीड़िता की चलती-फिरती खिलखिलाती जिंदगी में ठहराव आ जाता है. बलात्कार के आरोपी के साथ प्रशासन क्या करता है यह तो व्यवस्था पर निर्भर करता है. लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह की घटना से समाज का असली चेहरा सामने जरूर आ जाता है. दिल्ली में 16 दिसंबर को गैंग रेप की शिकार हुई पीड़ित लड़की के मित्र ने एक टीवी चैनल जी न्यूज को इंटरव्यू में उस दिन की घटना और उसके बाद पुलिस की प्रतिक्रिया और समाज  की उदासीनता बयां की है
.

पीड़ित लड़की के मित्र ने चैनल पर बताया कि वह रात 9 बजे मुनिरका बस स्टैंड से बस पर चढ़े थे. बस में घुसते ही उन्हें समझ में आ गया कि उनके साथ कुछ गलत होने वाला है. उनके मुताबिक उन्होंने और पीड़ित लड़की ने Read More (Click Here)

Hasya Kavi Sammelan



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