इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक

बलात्कारियों को नपुंसक बनाओ


दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई लड़की अब भी अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. डॉक्टरों के मुताबिक अब भी वह लड़की आइसीयू में वेंटिलेटर पर है. डॉक्टरों के मुताबिक सामूहिक बलात्कार के साथ-साथ पीड़ित महिला के साथ मारपीट भी की गई है. इस बीच सामूहिक बलात्कार के छह अभियुक्तों में से चार को गिरफ़्तार कर लिया गया है और मंगलवार को उन्हें पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. हालांकि दो अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.


दिल्ली में हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद समाज के हरेक वर्ग से आवाजें उठने लगी हैं. इसमें आम लोगों से लेकर राजनीति और फिल्मी दुनिया के भी लोग शामिल हैं. सभी ने मानवता को तार-तार करने वाली इस तरह की घटना पर अपने राय व्यक्त की है. लोगों का मानना है कि अब वक्त आ चुका है कि हमारे देश में सऊदी अरब जैसे कानून बनें जहां पर इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले बलात्कारी... Read More (Click Here)

सावधान ! आपके बगल वाला हैवान हो सकता है


कहने को दिल्ली देश की राजधानी है लेकिन बीते 48 घंटे में इसी राजधानी में बलात्कार की तीन वारदातों ने पुलिस प्रशासन और सरकार की नाकामी की पोल खोल दी है. चलती बस में युवती के साथ गैंगरेप के बाद दिल्ली में दो और बलात्कार के मामले सामने आए हैं. पहली घटना में न्यू अशोक नगर इलाके में घर में घुसकर युवती को हवस का शिकार बनाया गया, वहीं दूसरी घटना तुर्कमान गेट इलाके की है जहां 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया.

पुलिस ने इन तीनों मामलों में लगभग उन सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने अपनी जिस्मानी भूख को मिटाने के लिए हैवानियत का खेल खेला. उपरोक्त बताई गई सभी बातें जानी पहचानी लग रही हैं ऐसा इसलिए क्योंकि चाहे हरियाणा हो या दिल्ली या फिर देश का कोई अन्य हिस्सा महिलाओं के साथ नियमित अंतराल पर बलात्कार की घटनाए हो रही हैं. इस तरह की घटनाएं कुछ दिन तक तो खबरों में रहती हैं, प्रशासन द्वारा कई तरह के आश्वासन दिए जाते हैं, अगर घटना दिल्ली की है तो कैंडल मार्च निकाले जाते हैं वही घटना किसी गांव की है तो उसे वहीं पर दबाने की कोशिश की जाती है. कुछ दिनों तक देश के राष्ट्रीय चैनलों पर उस सभी कारणों पर प्रकाश डाला जाता है जिससे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. लोग समझने Read More (Click Here)

मोदी के चुनावी प्रचार में इन ‘पांच तत्वों’ का अहम रोल




गुजरात विधानसभा चुनाव अपने चरम पर है. देश की दोनों राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस और बीजेपी गुजरात के मतदाताओं को लुभाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इसमें बीजेपी से अलग हुए केशुभाई पटेल भी अपनी पार्टी गुजरात परिवर्तन पार्टी(जीपीपी) के साथ मैदान में हैं. पहले चरण का मतदान समाप्त हो चुका है. इस चरण में 87 सीटों पर रिकॉर्ड 68 प्रतिशत मतदान हुआ. गुजरात में दूसरे चरण के मतदान के लिए घमासान जारी है. मतदान 17 दिसंबर को होगा

राजनैतिक ब्रांड है मोदी

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नरेद्र मोदी एक ब्रांड के रूप में जाने जाते हैं. देश के किसी राज्य में चुनाव हो मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हे प्रचार के लिए उस राज्य तैनात किया जाता है. हाल ही में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के विधान सभा चुनाव मे कई रैलियां की थी. चुनाव प्रचार में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं. ऐसे समय में मीडिया भी उन्हे खास तौर पर कवरेज देती है. उनके द्वारा कही गई एक-एक बात चाहे वह किसी को हजम हो या न हो राष्ट्रीय मीडिया 

(पुरा ब्लॉग बढ़ने के लिए क्लिक करें )

सीबीआई से कब तक भागेंगे मुलायम जी !!


संप्रग सरकार के लिए बैसाखी के रूप में अपने आप को स्थापित कर चुके मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) आजकल किसी एक वजह से बहुत ज्यादा परेशान हैं. वजह है सीबीआई का खौफ. वैसे केंद्र सरकार के होते हुए ऐसी कोई लपट नहीं है जो मुलायम के करीब पहुंच सके. लेकिन जिस तरह सुप्रीम कोर्ट उनके परिवार के उपर सीबीआई जांच के मामले को तवज्जो दे रही है उससे तो यही लगता है कि मुलायम अब ज्यादा दिन तक जांच से दूर नहीं भाग सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और उनके बेटों अखिलेश यादव तथा प्रतीक के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा है. हालांकि कोर्ट ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की पुनर्विचार याचिका मंजूर करते हुए उन्हें राहत प्रदान कर दी है. प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर और न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की पीठ ने मुलायम, उनके पुत्र Read More (Click Here)

कहां गया ‘मद्रास टाइगर’ का वह पैनापन




भारत में शतरंज एक पारंपरिक खेल है. दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला यह बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल आपके दिमाग की क्षमता को दर्शाता है. शतरंत की बिसात पर चली जाने वाली एक भी चाल आपको पलभर में विजेता भी बना सकती है या फिर खेल से बाहर भी कर सकती है. वर्तमान में भारत के इस पारंपरिक खेल को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अगर किसी खिलाड़ी को श्रेय जाता है तो वह हैं मद्रास टाइगरऔर विशीके उपनामों से प्रसिद्ध विश्वनाथन आनंद.

विश्वनाथ आनंद की शिक्षा
अपनी मां से शतरंज की बारीकियों को सीखने वाले विश्वनाथन आनंद का जन्म 11 दिसंबर, 1969 को तमिलनाडु के मायिलादुथुरै में हुआ. छह साल की उम्र से ही विश्वनाथन आनंद अपनी मां के साथ शतरंज की बिसात पर चालें चला करते थे. उनके पिता विश्वनाथन अय्यर दक्षिण भारतीय रेलवे के जनरल मैनेजर रह चुके हैं. आनंद ने चेन्नई

Read This Blog (Click Here)

यह दाग शायद ही कभी मिटे

जिस तरह से पिछले कुछ दिनों से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में कई बड़े नेता आए हैं उससे एक पक्ष तो बहुत ही खुश है जो यह चाहता है कि आने वाले आम चुनाव में मोदी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हों लेकिन वहीं दूसरा पक्ष जो यह समझता है कि मोदी 2002 के दंगों के सबसे बड़े दोषी हैं, वह नहीं चाहता कि मोदी अपने राज्य से बाहर निकल पूरे देश का नेतृत्व करें. अमरीका में एक ऐसा ही वर्ग है जो मोदी के खिलाफ मोर्चेबंदी कर रहा है. 

गौरतलब है कि अमेरिका के 27 सांसदों ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी को वीजा न देने की सिफारिश की है. इन सांसदों ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2002 के दंगों के पीड़ितों को इंसाफ. Click Here



…..ये लगा नरेंद्र मोदी पर निशाना

गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर एक ऐसे नेता पर निशाना मारा जो राष्ट्रीय स्तर पर खबरों में रहते हैं. केजरीवाल ने इस बार भारतीय जनता पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता गुजरात के मुख्यमंत्री को निशाना बनाया है. केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस के साथ मिलकर गुजरात को लूटने के आरोप लगाए हैं. केजरीवाल का यह आरोप अपनी पार्टी नामकरण के बाद पहला आरोप है.

उन्होंने कहा कि मोदी का बिजली उत्पादक कंपनी अदानी ग्रुप से साथ गहरी सांठगांठ है. नरेन्द्र मोदी कई मौकों पर अदानी ग्रुप को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया. पिछले दिनों कोयले की कालिख से जिस तरह से देश के कई बड़े नेताओं का मुख काला हुआ उसमें नरेंद्र मोदी भी नहीं बच पाए. अरविंद ने आरोप लगाया कि ‘गुजरात सरकार ने कोयला खदानें तो फ्री में मुहैया करा दीं, लेकिन बदले में 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से अदानी ग्रुप से बिजली खरीदी. इस तरह से सरकार को बड़ा घाटा हुआ. अदानी ग्रुप गुजरात सरकार.....


Read This Blog (Click Here
विजेट आपके ब्लॉग पर