आगामी लोकसभा
चुनाव को देखते हुए देश के सभी छोटे-बड़े राजनीति दलों ने कमर कस ली है. पार्टियों
के बीच इस बात का चिंतन हो रहा है कि कैसे इस बार के आम चुनाव में अधिक से अधिक
सीट हासिल की जाए. राजनीतिक दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है जनता के खोये हुए
विश्वास को वापस लाना. इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने राहुल गांधी को पार्टी का
उपाध्यक्ष बनाकर इस बात का संकेत दे दिया है कि पार्टी बूढ़े कंधों के नेतृत्व में 2014 का चुनाव नहीं लड़ेगी. पार्टी की
योजना है कि अधिक से अधिक युवाओं के उर्जा और उत्साह का इस्तेमाल किया जाए.
वैसे राहुल
गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाना हैरानी की बात नहीं है. क्योंकि जयपुर के
चिंतन शिविर से पहले इस बात के संकेत मिल गए थे कि वह कांग्रेस के उपाध्यक्ष बनने
वाले हैं. यह एक तरह का लोगों को बेवकूफ बनाने जैसा है. आज जो लोग यह कहते हैं कि
राहुल गांधी पार्टी में दूसरे नंबर पर हैं वह केवल अपने आप को संतुष्ट करने के लिए
ऐसी बातें कर रहे हैं. सबको पता है कि राहुल गांधी जब से कांग्रेस पार्टी का
हिस्सा हुए तब से उन्हें पार्टी में दूसरा दर्जा मिल गया था. पार्टी के सभी
कार्यकर्ता और नेता उन्हें 2014 के
प्रधानमंत्री...Read More (Click Here)
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