इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक

चुनावी असर

चुनाव के निकट आने से सबसे ज्यादा असर जनसंचार के माध्यमो पर दिख रहा है। हर रोज अखबार बीजेपी और कांग्रेस की खबरों से भरा हुआ दिखता है तो कही उनके विज्ञापन से। रेडियो पर भी इन्ही पार्टियों का बोलबाला है। और दूरदर्शन और टीवी चैनल्स पर तो इनकी डॉक्युमेंटरी फ़िल्म प्रचार के रूप में देखने को मिलती है। यह सब काम के लिए नेताओ के पास बढ़ा धन है लेकिन जनता और समाज कलयाण के लिए जनता का ही पैसा खर्च करने में पीछे हट जाते है।

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