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बाल विकास में असफल भारत

भारत ने अर्थवयवस्था में कितनी ही बढ़त क्यो न क्यो न कर ली हो लेकिन बच्चो के विकास के प्रति कोई ठोस कदम नही उठाया। भारत में कई गांव और ईलाकों में बच्चो पर कई तरह से अत्याचार किए जा रहे है:-
  • 14 साल से कम आयु के बच्चो से कम वेतन पर मजदूरी ली जाती है जिससे बच्चो का बचपन उनसे छिनता जा रहा है और वह अपनी शिक्षा से दूर होते जा रहे है,
  • कम उम्र में बच्चो का विवाह किया जा रहा है और इस साल की यूनिसेफ की रिपोर्ट ने जाहिर किया है की भारत बाल विवाह का केंद्र है।
  • बच्चो का शोषण किया जा रहा है, उनसे उनके अधिकार छीने जा रहे है।
  • नवजात बच्चो खासकर लड़कियों को कई बार जन्म से पहले तो कई बार जन्म के बाद मौत के घाट उतार दिया जाता है।

इन कारणों के कारण भारत बाल विकास में पिछडा हुआ है। आर्थिक, सामाजिक, राजनातिक विकास के अलावा भारत को बाल विकास की ओर धयान देने की जरुरत है। बच्चो के विकास में ही इस देश की सफलता है क्योकि आने वाली पीढी की रक्षा करना देश का कर्तव्य और धर्म है।

1 comment:

चिराग जैन CHIRAG JAIN said...

ईश्वर!
तुम निरंतर लिख रही हो
अच्छा है

keep it up

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