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रैगिंग का घातक परिणाम

भारत में रैगिंग के किस्से हर साल सामने आते है जिस कारण कई छात्रो की मौत हो जाती है। हाल में हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मेडिकल कॉलेज में 19 वर्षीय छात्र की रैगिंग से मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक छात्र के साथ मारपीट हुई जिससे उसकी मौत हो गई। यह सब कब तक चलता रहेगा और सरकार कोई ठोस कदम क्यो नही उठाती? क्या आगे आने वाले दिनों में जब फ्रेशेर्स का प्रथम सत्र आरम्भ होगा तब भी रैगिंग का खौफ इसी तरह बना रहेगा? सरकार को रैगिंग की रोक के लिए संविधान में कानून पास करना चाहिए जिससे रैगिंग को रोका जा सके।

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