इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक

भाषण के 100 रुपए

चुनाव आने से पहले तो नेताजी के कई वायदे होते है लेकिन क्या है कि वह एक छल-कपट होता है जो जनता के साथ किया जाता है। पर अब तो नेताजी का भाषण सुनने पर 100 रुपए दिए जा रहे है। हालाकि यह सब आम जनता के लिए काफ़ी कम है लेकिन चलो अच्छा है कि कम से कम उन्होंने कभी तो जनता के लिए सोचा।

No comments:

  • कुल प्रविष्ठियां: 137
  • कुल टिप्पणियां: 32
विजेट आपके ब्लॉग पर