इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक

पाकिस्तान: तालिबान के "साथ" या "विरुद्ध"

पाकिस्तान की स्वात घाटी में तालिबान की हुकूमत को लेकर पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान ने उसके १२ हज़ार जवानों को अपने सिर्फ़ 3 हज़ार आंतकवादियों से मात देकर घाटी पर कब्ज़ा कर लिया है। देखने में तो ये सब एक सोची समझी साजिश लगती है जिसे पाकिस्तान ने बखूबी अंजाम दिया है। क्या तालिबान शासन इस तरह किसी देश में अपनी साख़ जमा सकता है? शायद नही, यह सब पाकिस्तान के साथ के बिना मुमकिन नही होगा। अगर पाकिस्तान का सच में तालिबानी शासन के साथ कोई सम्बन्ध नही तो वह तालिबान के खिलाफ़ कोई क़दम क्यो नही उठा रही? पाकिस्तान के फैसलों को देख कर तो लगता है कि पाकिस्तान जितना भी छिपा ले पर वह तालिबान को अपना पुरा सर्मथन दे रही है।

No comments:

विजेट आपके ब्लॉग पर