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खबरों में बाजार का ‘भय’


मीडिया के तौर-तरीकों और उनके विवेक पर सवाल उठाने वाले प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने एक बार फिर मीडिया के काम-काज पर सवाल उठाया है. काटजू बोल तो रहे थे पाकिस्तान के बारे में लेकिन लगे हाथ मीडिया को अपने लपेटे में ले लिया. दिल्ली विश्व विद्यालय में एक परिचर्चा में बोलते हुए काटजू ने कहा कि पाकिस्तान एक फ़र्ज़ीदेश है जिसे ब्रिटिश लोगों ने कृत्रिम रूप से बनाया था. उन्होंने फर्जी द्विराष्ट्र सिद्धांत शुरू कर फूट डालो और राज़ करोकी नीति अपनाई थी.

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू ने पाकिस्तान को फ़र्ज़ीदेश करार किए जाने के साथ ही हाल में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों का सिर काटे जाने के बाद मीडिया द्वारा युद्दोन्माद पैदा किए जाने की निंदा की. काटजू ने बोला पिछले 15 वर्षों में 2.5 लाख किसानों ने आत्महत्या की है लेकिन इस खबर को मीडिया ने पांच सालों तक दबाया. यह खबर तभी ऊपर आई जब पी साईनाथ ने इसके बारे में लिखा. अभी भी कोई इसके बारे में नहीं लिख रहा. सब यही लिख रहे हैं कि करीना का किससे इश्क चल रहा है या सचिन तेंदुलकर अपना सौंवा शतक बना रहे हैं.
काटजू का इशारा उन प्रमुख चैनलों पर था जिनके ऊपर वास्तविक खबर का कम और बाजार का अधिक प्रभाव है. चैनल अपनी भाषा और तेवर से कुछ ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं जहां वस्तुनिष्ठता, तथ्यपरकता, संतुलन कम लोगों में भय और अंधविश्वास ज्यादा पैदा हो. Read This Blog (Click Here)

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