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सरकार की यह कैसी हड़बड़ी


16 दिसंबर के रात गैंगरेप के बाद जो आक्रोश लोगों में पैदा हुआ था लगता है सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया है. यौन हमलों पर केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर किए गए अध्यादेश पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दस्तखत कर दिए हैं. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह अध्यादेश पूरे देश में तत्काल प्रभाव में आ गया है. लेकिन संसद को छह सप्ताह के भीतर इसे पास करना होगा. संसद का बजट सत्र 21 फरवरी से शुरू हो रहा है. इस अध्यादेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में नृशंस अपराध के लिए मृत्युदंड सहित दंड बढ़ाए जाने के प्रस्ताव हैं. इन अपराधों में दुष्कर्म, तेजाब हमले, और ताकझांक शामिल हैं.

यौन अपराधों पर क्या होगी सजा
दुष्कर्म और हत्या या पीड़िता का मरणासन्न स्थिति (कोमा) में जाने पर न्यूनतम 20 साल का कारावास या जीवनपर्यत जेल अथवा मौत की सजा.
-एसिड हमले पर दस साल तक के कारावास की सजा.
-महिला को निर्वस्त्र करने पर 3 से 7 साल तक का कारावास.
-ताकझांक के अपराध में 3 साल तक का कारावास.
-पीछा करना या छेड़खानी करने पर न्यूनतम Read this Blog (Click Here)  

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