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पाक के बड़ते सवाल
26/11 मुंबई हमले में पाकिस्तान ने भारत से 30 सवाल पूछे थे, जिनका जवाब भारत के विदेश मंत्री ने दे दिया है। भारत ने पाकिस्तान से 19 आतंकवादी की मांग की थी, जिस पर पाकिस्तान ने भारत से 30 सवालो का जवाब पूछा था। अब पाकिस्तान भारत की मांग को टालने के लिए कौन सी नई तरकीब पेश करेगा। पाकिस्तान के हालात को देखकर तो यह लगता है कि वह कार्यवाही की जगह उल्टा भारत पर इल्ज़ाम ही थोपेगा।
बापू की धरोहर की नीलामी
महात्मा गाँधी जिन्हें हम बापू के नाम से जानते है, जिन्हें भारत में राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त है आज उन्ही की धरोहर की नीलामी न्यूयार्क में होने जा रही है। भारत सरकार क्या इस नीलामी रोकने में सफल हो पाएगी या बापू की इस धरोहर का तमाशा बनते देखेगी। असल में देखना यह है कि भारतीय जनता और खासतौर पर युवा पीढ़ी इस के खिलाफ़ आवाज़ उठाती है या नही। क्या बापू कि याद आज भी भारतवासियों में जिंदा है या नही? अगर भारतीय जनता एकजुट होकर न्यूयार्क कि नीलामी संस्था एंटीकोरम आक्शनर्स के खिलाफ़ शांतिपूर्वक ढंग से आवाज़ उठाए तो शायद यह नीलामी रोकी जा सकती है। साथ ही दुनिया को यह भी साबित किया जा सकता है कि भारत के लोग अपने बापू की अनमोल धरोहर को ऐसे ही किसी ओर के हाथ में बेच नही सकते।
दुनिया में फैलता आतंकवाद
अब तक आतंकवादी पीछे से वार करते आए थे लेकिन मुंबई हमले के बाद आतंकवादियों के होसले इतने बुलंद हो गए है कि पीछे की जगह सामने से वार करने लगे है। हाल ही में हुए श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए हमले ने साबित कर दिया कि पाकिस्तान दुनिया के लिए सुरक्षित नहीं है। अगर यह सब भारत के साथ होता तो इसका परिणाम आपसी दुश्मनी निकलता लेकिन श्रीलंकाई टीम पर हुए हमले से यह साफ़ ज़ाहिर होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केन्द्र बन चुका है और यह पुरी दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है।
धर्म के नाम पर राजनीति का खेल
आज के अखबार मे जब मैंने कल्याण सिंह के बारे मे उनकी नैतिक जिम्मेदारियों को पड़ा तो ऐसा आभास हुआ मानो धर्म के नाम पर राजनीति का व्यापार चल रहा है। कल्याण सिंह जो पहले बीजेपी कार्यकर्ता हुआ करते थे उनके अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल मे मुस्लिम समुदाय का आशवासन जीता था। उन्हें जब यूपी मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त किया गया तब उन्होंने बीजेपी छोड़ मुलायम जी से हाथ मिला लिया, जहा उनके अनुसार उन्हें हिन्दुओ का आशवासन प्राप्त हुआ। उनका कहना है की मुसलमानों की तरह उनका मकसद बीजेपी को दफ़न करना है। तो क्या यह आशवासन अपनी राजनीति को बचाए रखने के लिए प्राप्त किया था। यह तो धर्म के नाम पर खिलवाड़ है। किसी मजहब की लड़ाई राजनीति या सता के साथ नही होती। धर्म के लिए की गई सेवा निस्वार्थ भाव से की जाती है, स्वार्थ से नही।
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