इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक

पीठ पर बच्चे को बांधकर निकली जब एक वीरांगना


इतिहास के पन्नों पर यदि नजर डालें तो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. उस समय के साक्ष्य से पता चलता है कि महिलाओं ने जब-जब अपने राज्य के लिए शस्त्र उठाए हैं तब-तब आंदोलन ने बड़ा रूप लिया है. महिलाओं की भूमिका की चर्चा किए बगैर 1857 के इतिहास को भी पूरा नहीं माना जाता.
उस दौरान आजादी के महासंग्राम का स्वर्णिम अध्याय बनी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की शहादत को यह देश कभी नहीं भूल सकता. आज महारानी लक्ष्मीबाई शहीदी दिवस है. आज ही के दिन वर्ष 1857 में रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गई थीं.



अश्वारोहण और शस्त्र-संधान में निपुण महारानी लक्ष्मीबाई ने झांसी किले के अंदर ही महिला-सेना खड़ी कर ली थी, जिसका संचालन वह स्वयं मर्दानी पोशाक पहनकर करती थीं. उनके पति राजा गंगाधर राव यह सब देखकर प्रसन्न रहते. कुछ समय बाद लक्ष्मीबाई ने एक पुत्र को जन्म दिया, पर कुछ ही महीने बाद बालक की मृत्यु हो गई. पुत्र वियोग के आघात से दु:खी राजा ने 21 नवंबर, 1853 को प्राण त्याग.... Read more (Click Here)

3 comments:

app development company india said...

Blogging is the new poetry. I find it wonderful and amazing in many ways.

Buy Contact Lenses Online said...

Hey keep posting such good and meaningful articles.

GST Impact Analysis said...

I read few articles and I believe that your weblog is very interesting and contains lots of great information.

विजेट आपके ब्लॉग पर