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गांधी की निशानियाँ

विजय माल्या राष्ट्रपिता की निशानियाँ ख़रीद कर लाए- एक ख़बर
सही बात है, उनको इस बात का बेहद दुख रहा होगा कि उनके इतने प्रयासों के बावजूद बापू की निशानियाँ बच कैसे गईं!

बापू की धरोहर की नीलामी

महात्मा गाँधी जिन्हें हम बापू के नाम से जानते है, जिन्हें भारत में राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त है आज उन्ही की धरोहर की नीलामी न्यूयार्क में होने जा रही है। भारत सरकार क्या इस नीलामी रोकने में सफल हो पाएगी या बापू की इस धरोहर का तमाशा बनते देखेगी। असल में देखना यह है कि भारतीय जनता और खासतौर पर युवा पीढ़ी इस के खिलाफ़ आवाज़ उठाती है या नही। क्या बापू कि याद आज भी भारतवासियों में जिंदा है या नही? अगर भारतीय जनता एकजुट होकर न्यूयार्क कि नीलामी संस्था एंटीकोरम आक्शनर्स के खिलाफ़ शांतिपूर्वक ढंग से आवाज़ उठाए तो शायद यह नीलामी रोकी जा सकती है। साथ ही दुनिया को यह भी साबित किया जा सकता है कि भारत के लोग अपने बापू की अनमोल धरोहर को ऐसे ही किसी ओर के हाथ में बेच नही सकते।
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