इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक
Showing posts with label नवभारत. Show all posts
Showing posts with label नवभारत. Show all posts

धर्म के नाम पर राजनीति का खेल

आज के अखबार मे जब मैंने कल्याण सिंह के बारे मे उनकी नैतिक जिम्मेदारियों को पड़ा तो ऐसा आभास हुआ मानो धर्म के नाम पर राजनीति का व्यापार चल रहा है। कल्याण सिंह जो पहले बीजेपी कार्यकर्ता हुआ करते थे उनके अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल मे मुस्लिम समुदाय का आशवासन जीता था। उन्हें जब यूपी मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त किया गया तब उन्होंने बीजेपी छोड़ मुलायम जी से हाथ मिला लिया, जहा उनके अनुसार उन्हें हिन्दुओ का आशवासन प्राप्त हुआ। उनका कहना है की मुसलमानों की तरह उनका मकसद बीजेपी को दफ़न करना है। तो क्या यह आशवासन अपनी राजनीति को बचाए रखने के लिए प्राप्त किया था। यह तो धर्म के नाम पर खिलवाड़ है। किसी मजहब की लड़ाई राजनीति या सता के साथ नही होती। धर्म के लिए की गई सेवा निस्वार्थ भाव से की जाती है, स्वार्थ से नही।
विजेट आपके ब्लॉग पर