ज्यादातर राज ठाकरे के ब्यान से सुनने को मिलता है महाराष्ट्र मराठो का है और मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है।
लेकिन सविधान के तहत तो हर भारतीय नागरिक को पूरे भारत में कही भी रहने और कारोबार करने का पूर्णतया अधिकार है, तो फिर महाराष्ट्र को सिर्फ़ मराठो का बोलना कहा तक उचित है?
मुंबई हो या महाराष्ट्र है तो भारत का ही, तो महाराष्ट्र को मराठो का कहना भारत के हर नागरिक को महाराष्ट्र से अलग कहना और मराठो को भारतीय से अलग कहना है, और न तो इसमे किसी भी मराठो की गलती है और न ही महाराष्ट्र में रहने वाले भारतीयों की, क्योकि वह भी अपने आप को भारतीय समझते है।
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Via chitthajagat.in
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