इस चिट्ठे पर प्रकाशित सभी विचारों के लिये लेखक स्वयं उत्तरदायी है। संपादन मंडल का लेखक की राय से सहमत होना अनिवार्य नहीं है। -संपादक
दिल्ली में किसी को भी सुरक्षित कह पाना आसान नही था लेकिन मेट्रो रेल ने एक उम्मीद दिल्लीवासियों की दिल में पैदा की जिस पर वो भी खरी उतर नही पाई।
अब तक तो ट्रैक और पिल्लर वाले हादसे सुनने और देखने को आ रहे थे लेकिन अब तो मेट्रो रेल का ट्रैक पर से उतर जाना यह सब देखने को आ रहा है।
वैसे इसमे गलती है भी किसकी आज जहा मेट्रो के पिल्लर का निर्माण किया जा रहा है वही जाकर देखा जाए कि पहले वाले पिल्लर और अब के पिल्लर की बनावट दोनों में कितना अन्तर है

1 comment:

newspostmartem said...

सही कह रहे हैं आप. खबरों में और विस्तार की जरूरत है.
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