आंतक का पक्ष
अंजलि वाघमारे का नाम तो हम सब को न्यूज़ चैनल और अखबारों में देखने को मिलेगा क्योंकि इनका कारनामा ही कुछ ऐसा है। इन्होंने एक भारतीय होकर आंतकवादी की वकालत का जो फैसला लिया उससे भारतीय नागरिको के ज़ख्म तो हरे हो गए और साथ ही भारतीय का निवासी होकर आंतकवादी के पक्ष में लड़ के फैसले से लोगो की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मुंबई हमले में जब उस आंतकवादी कसाब ने हजारो की तादाद में लोगो की हत्या करी थी, उस दिल-दहला देने वाले हमले के बाद क्या कोई गुंजाइश रह जाती है कि कसाब को किसी वकील की जरुरत है? यह सरासर आंतक को दिया जाने वाला बढावा है कि कोई भी आंतकवादी भारत पर हमला करके पकड़ा जाए तो उसके बचाव के लिए जिस देश पर हमला किया हो वही का वकील उसकी वकालत के लिए दिया जाए। जनता द्वारा इसका विरोध करना जायज़ है।
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Via chitthajagat.in
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