एक दौर था जब भारतीय फिल्मों में
कॉमेडी नाममात्र के लिए हुआ करती थी. उस समय निर्देशकों के सामने यह चुनौती थी कि
वह कैसे अपनी फिल्म की तीन घंटे की अवधि को पूरा करें. इसके लिए वह बीच-बीच में
कॉमेडी के सीन को डाल देते थे. उस दौर में ऐसे कम ही निर्देशक थे जो कॉमेडी आधारित
फिल्म बनाने की जहमत उठा सकते थे. लेकिन जब से फिल्म.......... Read
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Via chitthajagat.in